Milk Price : आजकल महंगाई आसमान छू रही है और इस बढ़ती महंगाई में लोगों के लिए एक और मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा आप सभी को बताते चलें कि दूध कंपनियों ने भी अपनी दूध की कीमत में बड़ा बदलाव किया है दिन पर दिन दम बढ़ती जा रही है इस साल भूत की कीमत में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है इससे कुछ मुख्य कारण सोर्स और पशु का आहार की बढ़ती कीमत डेरी उत्पादन की लागत और ट्रांसपोर्टेशन खर्च बताया जा रहा है इसके अलावा गर्मी के मौसम में वजह से उत्पादन में कमी आ जा रही है जिसके कारण भी दूध कंपनी ने अपने दूध के दाम बढ़ा दिए हैं चलिए जानते हैं ताजा भाव
कंपनी का कदम
भारत में दूध कंपनी अमूल मदर डेयरी और सूद है जैसी बहुत सारी कंपनी कीमत में 2 से 3 रुपए प्रति लीटर की इजाफा किया जिससे आम लोगों को जिंदगी में अपने घरों की राशन में जब पर बड़ा असर देखने को मिल रहा है
आप सभी को बताते चले कि भारत के सभी घर में दूध का प्रयोग किया जाता है और दूध सुबह से लेकर रात तक उपयोग होता है चाहे वह सुबह का नाश्ता में ही क्यों ना हो या फिर रात के खाने में दूध का इस्तेमाल हर वक्त होता है लेकिन कीमत की बढ़ोतरी के चलते लोगों के मन में काफी ज्यादा परेशानियां हो रही है
लोगों पर क्या असर है
दूध और उससे बने प्रोडक्ट दही पनीर मक्खन और घी के दम भी आसमान छू रहे हैं आप सभी को बता दें की मिठाई के दुकान से लेकर चाय की टकली तक में भी इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है इसके साथ कहानी ऐसी चीज जो लगातार दम बढ़ती जा रही है और ऐसे में आम लोगों को जिंदगी जीना काफी मुश्किल होते जा रहा है
दूध की नई कीमत
ब्रांड – क्षेत्र दूध का प्रकार, पुरानी कीमत/ नई कीमत
- अमूल गोल्ड फुल क्रीम दूध ₹66/₹68
- मदर डेयरी दिल्ली NCR दूध ₹58/₹60
- पार्क उत्तर प्रदेश डबल ट्रेंड दूध ₹56/₹58
- सुधा बिहार, पटना फुल क्रीम दूध ₹64/₹66
Milk Price Update
सरकार का कहना है कि किसानों को उचित मूल दिलाना उत्पादन बढ़ाने योजना चलाई जा रही है साथी दूध सप्लाई और डिमांड को संतुलन रखने के लिए सरकार लगातार डेरी कंपनी के बीच में बातचीत कर रही है और वस्तुओं को दामों को कम करने की मांग कर रही है लेकिन सरकार की तरफ से अभी इस पर कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया है
निष्कर्ष
दूध की कीमत में बढ़ोतरी एक जतन समस्या है जिससे उत्पादन लगातार ईंधन चार और मांग आपूर्ति का संतुलन शामिल है इसका असर उपभोक्ताओं किसान और डेयरी कंपनी सभी पर पड़ रहा है हालांकि समाधान संभव है यदि सरकार किस कंपनी और उपभोक्ता मिलकर संतुलन बनाए अगर उचित सहयोग और तकनीकी निवेश किया जाए तो सुधा दूध की कीमत स्थिर रह सकती है बल्कि गुणवंता और उपलब्ध भी बेहतर की जा सकती है।